Scalp Psoriasis Treatment: क्या होम्योपैथी में स्कैल्प सोरायसिस का इलाज संभव है ?
स्कैल्प सोरायसिस एक प्रकार का कॉमन त्वचा रोग है जिसमें लाल गुलाबी या सफेद रंग के उठे हुए स्केल या पपड़िया बनती हैं जो त्वचा पर से छूटती रहती हैं इन पर इन पपड़ियों के छूटने के बाद एक गुलाबी रंग या लाल रंग का पैच त्वचा पर रह जाता है यह एक या एक से अधिक और कभी-कभी पूरी सिर की त्वचा को कवर कर लेते हैं कभी-कभी गर्दन और कानों में भी रूखी त्वचा के स्केल या पपड़ी पाई जाती हैं ।
यह त्वचा की एक ऐसी समस्या है जो हमारे रोग प्रतिरोधी सिस्टम की कमी की वजह से होती है। जब हमारा इम्यून सिस्टम में कुछ प्रॉब्लम होने की वजह से हमारे स्किन की सेल्स या कोशिकाएं बहुत तेजी से पैदा या उत्पन्न होने लगती हैं या बनने लगती हैं और वह फिर डेड होकर स्किन से बाहर निकल जाती हैं । यह बीमारी एक दूसरे से छुआछूत के माध्यम से होने वाली बीमारी नहीं है हां यह देखा गया है कि यह परिवार में आनुवांशिक रूप से एक जनरेशन से दूसरी जनरेशन में पाई जाती है । इसके होने वाले लक्षणों में मोटी पपड़िया और उनके छूटने के बाद हल्के घाव, तेज खुजली, सिल्वरी वाइट, चमकदार वाइट, चमकदार सफेद हल्के ग्रे कलर के स्केल सुखी पपड़िया और कई बार डैंड्रफ की तरह की पतली स्केल भी निकलती रहती हैं। बाल गिरते हैं क्योंकि ज्यादा खुजली की वजह से उनकी जड़ें कमजोर हो जाती हैं और बाल झड़ जाते हैं लेकिन वह बात एक बार त्वचा सही हो जाए तो वह वापस आ सकते हैं ।
इससे बचने के कुछ तरीके हैं
यह बालों का झड़ना टेंपरेरी होता है ज्यादातर केस में । इससे बचने के कुछ तरीके हैं जिसमें बहुत ज्यादा हार्ड केमिकल वाले हेयर ट्रीटमेंट से बचना चाहिए ऐसे प्रोसीजर्स से बचना चाहिए जिसमें तेज रसायन केमिकल इस्तेमाल किए जाते हैं गरम उपकरण यूज किए जाते हैं उपयोग में लाए जाते हैं या फिर गर्म पानी से सर को धोया जाता है कोशिश करें कि गर्म पानी या तेलों का इस्तेमाल सर पर ना किया जाए हां इसके विपरीत ठंडे पानी की भीगी हुई तोलिया, कोल्ड पैक या ठंडे पानी से सिर को धो लें जिससे कि खुजली में आराम मिलेगा। कई बार खुजली की वजह से त्वचा छिल जाती है। जोकि बाद में इनफेक्टेड हो जाती है या संक्रमित हो जाती है जिसकी वजह से लिंफ नोड मैं सूजन आ जाती है।
यह बीमारी एक दूसरे से छूकर फैलने वाली बीमारी नहीं है। इस बीमारी का इलाज ऊपर से लगाकर लोकल एप्लीकेशंस लगाकर शैंपू ,कंडीशनर या तेल लगाकर नहीं किया जा सकता लोशन लगाकर नहीं किया जा सकता क्योंकि यह हमारी इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी की वजह से होने वाली बीमारी है इसलिए इसका इलाज अंदर से होना चाहिए। इसके कारण और जड़ पर इलाज किया जाना चाहिए जिसके बाद यह बीमारी हमेशा हमेशा के लिए ठीक हो सकती है।
बाहर से लगाई जाने वाली चीजें जैसे शैंपू ,तेल या लोशन सिर्फ कुछ समय का लाभ दे सकती हैं आराम दे सकती हैं , लेकिन हमेशा के लिए परमानेंट आराम के लिए आपको दवाइयां लेनी पड़ेगी। होम्योपैथी दवाइयां इस तरह के होने वाले और भी ऑटोइम्यून डिसऑर्डर मैं बेहद लाभकारी है कुछ दवाइयां जो होम्योपैथी में उपयोग की जाती हैं उसमें सीपिया ग्रैफाइटिस, आर्सेनिक एल्बम, थाइरॉएडिनम,पेट्रोलियम सैनीकुला एवं मेजेरियम कुछ होम्योपैथिक दवाइयां हैं। जिनको डॉक्टर की सलाह के बाद इस्तेमाल करने से आपको आराम मिल सकता है और लंबे समय तक इलाज करने पर आप इस बीमारी से जड़ से छुटकारा पा सकते हैं हमेशा हमेशा के लिए।