मिर्जापुर के कालीन भैया को लेकर ये क्या बोल गए पंचायत के विधायक, पढ़ें पूरी खबर
Panchayat: पंचायत 2 के दमदार किरदार विधायक जी यानी पंकज झा इन दिनों सुर्ख़ियों में हैं। वजह है उनका एक इंटरव्यू, जिसमें उन्होंने स्ट्रगल के बारे में कुछ ऐसा कहा। जिससे लोग सोचने पर मजबूर हो गए हैं। क्या वाकई फिल्म इंडस्ट्री में संघर्ष उतना फिल्मी होता है, जितना बताया जाता है? आइए जानते हैं पंकज झा के शब्दों में स्ट्रगल की असलियत।
पंचायत का सीजन 3 आने ही वाला है, इसी बीच इंडस्ट्री के एक्टर पंकज झा का एक दिलचस्प बयान वायरल हो रहा है. लल्लनटॉप सिनेमा से बात करते हुए उन्होंने कहा कि लोग संघर्ष को बहुत ज्यादा बढ़ा-चढ़ा कर बताते हैं. पंकज कहते हैं, “मुझे ये ‘संघर्ष’ शब्द ही पसंद नहीं है। आपने अगर अपने जुनून को चुना है, तो उसका मजा लेना चाहिए ना? जैसा कि हम अक्सर इंडस्ट्री में देखते हैं, लोग अपने स्ट्रगल को बहुत बड़ा बनाकर बताते हैं। कोई कहता है आलू बेचा, कोई कहता है छोटे से कमरे में रहा, कोई ये तक कह देता है कि दूसरे एक्टर की चप्पलें चुरा लीं। मेरी नज़र में हर परिस्थिति सीखने का मौका होती है।
आपको याद दिला दें कि पंकज त्रिपाठी जब कपिल शर्मा शो में गए थे, तो उन्होंने अपने स्ट्रगल के दिनों का एक किस्सा सुनाया था। पंकज ने बताया था कि वो एक होटल में काम करते थे। वहां एक बार मनोज वाजपेयी ठहरे हुए थे। तब पंकज ने उनकी चप्पलें चुराकर रख ली थीं, याद के तौर पर।
पंकज आगे कहते हैं, “इंडस्ट्री में लोगों के बीच फ्रस्ट्रेशन है, उनका अहंकार बहुत ज्यादा होता है। अगर आप आवाज उठाते हैं या उन्हें अभिवादन नहीं करते। तो वो आपसे नाराज हो जाते हैं। इतना गुस्सा होते हैं कि आपके साथ काम करने से इनकार कर देते हैं। साथ ही अपने दोस्तों को भी आपके साथ काम करने से मना कर देते हैं। मेरे साथ भी ऐसा हुआ है। मैं वासेपुर जा रहा था कि मुकेश छाबड़ा (MC) का फोन आया। मैं पटना में था और एक-दो दिन में वापस आने वाला था। इसी बीच उन्होंने मेरा रोल किसी और को दे दिया। ये रोल सुल्तान का था (जो पंकज त्रिपाठी ने निभाया था) मैंने उनसे पूछा कि आखिर ऐसा क्यों हुआ? इसके बाद प्रोडक्शन हाउस से कोई कॉल नहीं आया। ” गौरतलब है कि पंचायत 2 में पंकज झा ने विधायक चंद्र किशोर सिंह का किरदार निभाया है।