Gonda Lok Sabha 2024: क्या गोंडा से सपा प्रत्यासी श्रेया वर्मा (जैन )का टिकट सपा ले सकती है वापिस ?
Gonda Lok Sabha Election 2024: गोंडा लोकसभा चुनाव 2024 के लिए जो स्थिति उभर कर आई है, वह उत्तर प्रदेश की राजनीति के भीतरी घमासान और रणनीतिक परिवर्तनों को दर्शाती है। श्रेया वर्मा (जैन), जो कि बेनी प्रसाद वर्मा की पोती हैं, शुरू में समाजवादी पार्टी (सपा) की प्रत्याशी बताई गई थीं, परन्तु उनका चयन कई कारणों से विवादों में घिर गया। इनमें से मुख्य कारण यह था कि वह बाराबंकी की रहने वाली हैं और गोंडा के क्षेत्रीय लोगों और सपा कार्यकर्ताओं द्वारा उनका विरोध किया जा रहा है।
यह स्थिति समाजवादी पार्टी के लिए एक दबाव का कारण बनी हुई हैं,खबरों के मुताबिक, पार्टी इस सीट को कांग्रेस के खाते में देने का विचार कर रही है। इसके पीछे कारण श्रेया वर्मा की गोंडा क्षेत्र के विषय में कम जानकारी और राजनीतिक अनुभव की कमी को भी माना जा रहा है।
कांग्रेस पार्टी के युवा नेता तरुण पटेल इस सीट पर दावेदारी पेश कर सकते हैं, जैसा कि उन्होंने स्वयं उल्लेख किया है कि कांग्रेस की लिस्ट में उनका नाम होगा।
इस स्थिति में एक और पेचीदगी यह है कि अखिलेश यादव, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष, बाराबंकी सीट पर सपा का प्रत्याशी उतारना चाहते थे, लेकिन पी.एल. पुनिया के दबाव में आकर उन्होंने वह सीट उनके बेटे के लिए रखी। श्रेया वर्मा को गोंडा से टिकट देना इस राजनीतिक समझौते का हिस्सा माना जा रहा है।
यह पूरी स्थिति उत्तर प्रदेश की राजनीति में गठबंधन, रणनीतिक समझौते, और क्षेत्रीय व वंशवादी राजनीति की जटिलताओं को उजागर करती है, जो चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं।
सोशल मीडिया पर श्रेया वर्मा का विरोध उनकी जाति (कुर्मी )के लोग करते हुए दिख रहे है उन्ही में एक रोशन लाल पटेल लिखते है
साथियों कांग्रेस ने जिस तरह से आयात करके 2009 में हमारे ऊपर बाबू जी को थोप दिया था आज एक बार फिर गठबंधन ने हमारे ऊपर आयातित प्रत्याशी श्रेया जैन (बर्मा) को थोप रही है जिसको गोंडा के बारे में कुछ भी मालूम नहीं और न गोंडा वालो को श्रेया जैन के बारे में मालूम है और तो और ये परिवार 2014 में चुनाव हारने के बाद 2024 में गोंडा में दिख रहा है, गोंडा को ये लोग चारागाह समझ लिया है, आते है,चरते है,और चले जाते है, इसलिए लखनऊ और दिल्ली में बैठे गठबंधन के नेताओं को बताना है की जब तरुण पटेल जो की जमीन नेता है सबके दुख सुख में खड़े रहते है, किसानों के लिए अनवरत 25 दिन उपवास, 121 दिन पूरे प्रदेश में जन भागीदार मार्च निकलने वाले जमीनी छेत्रिये नेता को नजरंदाज किया है जिसका परिणाम गठबंधन को हर के स्वरूप में मिलेगा, ये आम जनमानस की राय है गोंडा के लोगो को बदलवा चहिए, लेकिन आयातित नही , तरुण पटेल जैसा कोई लोकल और जमीनी स्तर का नेता चहिए
इसी लिए लोग बोल रहे हैंन बाहरी न परिवार का दांव अबकी करेंगे हम बदलाव