सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी की एक रिपोर्ट सार्वजनिक की गई है। जुलाई में लगभग 399.38 मिलियन लोगों के पास रोजगार था। जोकि अगस्त के महीने में घटकर 397.78 मिलियन पर पहुंच गई है। इस रिपोर्ट के अनुसार अगस्त के महीने में ही लगभग 15 लाख लोगों की नौकरी जा चुकी है।
देश में इस वक्त कारोबार की स्थिति काफी खस्ता चल रही है। जिसके चलते अगस्त के महीने में 15 लाख से अधिक लोग बेरोजगार हुए हैं। मतलब एक फिर सिस्टम फेल गया लोगो नई नौकरी देने में या जो थी. उनको बचाने में अब सिस्टम बहुत कमजोर या इतना मजबूत की उसे फर्क ही नहीं पड़ता की जाए या रहे |
इस मामले में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश ने सिस्टम पर तंजीय अंदाज में निशाना साधा है।
उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि सिर्फ अगस्त महीने में 15 लाख लोगों के रोजगार छिने हैं। बेरोजगारी में भारत हर महीने नये-नये रिकार्ड बना रहा है। चलिये, गाय को ‘राष्ट्रीय पशु’ बनाकर देखें! शायद कुछ ‘किरपा’ बरसे!
हालांकि सिस्टम वित्तीय वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में जीडीपी में लगभग 20 फ़ीसदी का उछाल आने का दावा कर रहा है।
जिस तरह से देश में भयंकर बेरोजगारी फैल रही है। वो देश के युवाओं के लिए काफी खतरनाक है।
भारत में बढ़ रही बेरोजगारी पर विपक्षी दलों द्वारा सिस्टम को बीते काफी समय से चेताया जा रहा है।
यहां तक कि संसद के अंदर भी सभी विपक्षी दलों ने एकजुट आकर सिस्टम को देश में बढ़ रही महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर घेरने की कोशिश की थी। लेकिन सिस्टम इस मुद्दे पर चर्चा करने को भी तैयार नहीं है।