Home loan tips in Hindi यदि आप घर खरीदने के लिए होम लोन लेने की सोच रहे हैं, तो यहाँ कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं जो आपके लिए उपयोगी हो सकते हैं: घरों के बनने और खरीदे जाने में पिछले कुछ सालों में तेजी देखने को मिल रही है। प्रॉपर्टी (Property) की मांग बढ़ने की वजह से ही घरों के दाम बढ़ रहे हैं। घर बनाना या खरीदना एक ऐसा काम है, जिसमें इंसान अपनी जमा पूंजी लगा देता है और अधिकतर लोगों को तो होम लोन की जरूरत होती है। होम लोन पर सरकार की तरफ से भी खूब फायदे दिए जाते हैं, ताकि अधिक से अधिक लोग होम लोन (Home Loan) लेने के लिए प्रेरित हों। हालांकि, जब भी होम लोन की बात आती है तो उसे 1-2 साल के लिए नहीं बल्कि 20-30 साल के लिए लिया जाता है। होम लोन की ब्याज दर (Home Loan Interest Rate) में एक मामूली सा उतार चढ़ाव भी आपकी ईएमआई में बड़ा बदलाव ला देता है।
यदि आप होम लोन लेने का विचार बना रहे हैं तो आपके लिए कुछ बातें ध्यान रखनी होंगी। चलिए आपको बता दें कि होम लोन लेने से पहले किन बातों का ध्यान रखने की जरूरत है।
क्रेडिट स्कोर की जांच करें:
आपका क्रेडिट स्कोर 750 रुपये से ज्यादा होना चाहिए। यदि आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है, तो आपको होम लोन जल्दी मिल सकता है
आवश्यक दस्तावेजों की तैयारी करें
आपको आवेदन करने से पहले अपने आय, पता, और प्रॉपर्टी के कागजात को तैयार रखना होगा। यह आपके होम लोन के अप्रूव की संभावना बढ़ाएगा
बैंक या NBFC से प्री-अप्रूवल प्राप्त करें
आपके लोन की पात्रता की जांच करने के बाद, आप अपने होम लोन का प्री-अप्रूवल प्राप्त कर सकते हैं
अच्छे ब्याज दर और अवधि के साथ लोन चुनें:
अपनी आर्थिक योजना के आधार पर बैंक या NBFC से उचित ब्याज दर और अवधि के साथ होम लोन चुनें
अगर आप भारत में सस्ता होम लोन ढूंढ रहे हैं, तो यहाँ कुछ विकल्प हैं जो आपके लिए उपयोगी हो सकते हैं:
सरकारी योजनाएं:
प्रधान मंत्री आवास योजना (PMAY) जैसी सरकारी योजनाएं ब्याज सब्सिडी प्रदान करती हैं, जिससे लोन सस्ता पड़ सकता है
बैंकों की तुलना करें:
विभिन्न बैंकों के होम लोन ऑफर्स की तुलना करें। उदाहरण के लिए, SBI होम लोन 8.40% p.a. से शुरू होता है और HDFC Bank 8.70% p.a.
बैंकों के विशेष ऑफर्स:
कुछ बैंक विशेष ऑफर्स जैसे कि EMI में छूट, मिश्रित ब्याज दरें, ओवरड्राफ्ट सुविधा और बैलेंस ट्रांसफर सुविधा प्रदान करते हैं
इन विकल्पों की जांच करके और अपनी वित्तीय स्थिति के अनुसार सबसे उपयुक्त लोन चुनकर आप सस्ता होम लोन प्राप्त कर सकते हैं। याद रखें कि लोन चुनते समय ब्याज दर के साथ-साथ अन्य शुल्क और शर्तों की भी जांच करें।
याद रखें कि होम लोन लेते समय आपकी आर्थिक स्थिति, आय, और अन्य विशेष दर्शाता के आधार पर बैंक या NBFC आपको उचित लोन प्रदान करेगा। ऐसे में होम लोन लेते वक्त ब्याज दर का खास ख्याल रखना चाहिए। आइए जानते हैं अभी कौन से 5 बैंक सबसे सस्ती दर पर होम लोन दे रहे हैं:
- एचडीएफसी बैंक: यह बैंक अलग-अलग अवधि के हिसाब से 8.45% से लेकर 9.85% तक की ब्याज दर पर होम लोन प्रदान करता है।
- इंडसइंड बैंक: इस बैंक से आपको 8.5% से लेकर 9.75% तक की दर पर होम लोन मिल सकता है।
- इंडियन बैंक: इंडियन बैंक से आपको 8.5% से लेकर 9.9% तक की दर पर होम लोन मिल सकता है।
गृह ऋण की पात्रता मानदंड
गृह ऋण की पात्रता मानदंड बैंकों और ऋण योजनाओं के अनुसार भिन्न होती हैं। हालांकि, कुछ सामान्य गृह ऋण पात्रता मानदंड निम्नलिखित हैं:
राष्ट्रीयता: आवेदक को भारतीय नागरिक, एनआरआई (NRI) या पीओआई (PIO) होना चाहिए।
क्रेडिट स्कोर: 750 या उससे अधिक होना चाहिए।
न्यूनतम आयु: 18 वर्ष, कुछ बैंक न्यूनतम आयु को 21 वर्ष तक निर्धारित करते हैं।
अधिकतम आयु: सामान्यत: 70 वर्ष, कुछ बैंकों में अधिकतम आयु 75 वर्ष तक बढ़ाई जा सकती है।
कार्य अनुभव: कम से कम 2 वर्ष (नौकरी के लिए)।
व्यवसाय की उम्र: कम से कम 3 वर्ष (सेल्फ-एम्प्लॉय्ड लोगों के लिए)।
न्यूनतम सैलरी: कम से कम 25,000 रुपये प्रति माह (यह हर बैंक और ऋण संस्थान में भिन्न हो सकती है)।
ऋण राशि: प्रॉपर्टी की मूल्य का 90% तक का ऋण मिल सकता है।
इनके अलावा, गृह ऋण की पात्रता मानदंड प्रॉपर्टी के प्रकार और स्थान के आधार पर भी निर्भर करती हैं।
गृह ऋण के लिए आवश्यक दस्तावेज़
पहचान प्रमाण:
पैन कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, या ड्राइविंग लाइसेंस (किसी एक की प्रति फोटोकॉपी)
आयु प्रमाण:
आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र, 10वीं कक्षा की मार्कशीट, बैंक पासबुक, या ड्राइविंग लाइसेंस (किसी एक की प्रति कॉपी)
निवास प्रमाण:
बैंक पासबुक, वोटर आईडी, राशन कार्ड, पासपोर्ट, यूटिलिटी बिल (टेलीफोन, बिजली, पानी, गैस), या LIC पॉलिसी रसीद (किसी एक की प्रति कॉपी)
आय प्रमाण:
नौकरीपेशा के लिए: फॉर्म 16, हाल ही की सैलरी स्लिप, पिछले 3 वर्षों के आईटी रिटर्न (ITR), और निवेश प्रमाण (यदि हो)
गैर-नौकरीपेशा के लिए:
पिछले 3 वर्षों के इनकम टैक्स रिटर्न, बैलेंस शीट और कंपनी/फर्म के प्रॉफिट और लॉस अकाउंट स्टेटमेंट, बिजनेस लाइसेंस की जानकारी, और बिजनेस के पते का प्रमाण
प्रॉपर्टी से संबंधित दस्तावेज़:
सोसाइटी/बिल्डर से NOC, घर के निर्माण में होने वाले खर्च का अनुमान, रजिस्टर्ड सेल एग्रीमेंट, अलॉटमेंट लेटर, और बिल्डिंग प्लान की मंजूरी की प्रति कॉपी
ध्यान दें: ऊपर दी गई सूची संकेतात्मक है, और बैंक/ऋण संस्था अतिरिक्त दस्तावेज़ भी मांग सकती है।
होम लोन की कम ब्याज दर के लिए बैलेंस ट्रांसफर का विकल्प
होम लोन की कम ब्याज दर के लिए बैलेंस ट्रांसफर का विकल्प चुनें अपने होम लोन को जल्दी बंद करने का एक और तरीका है, होम लोन बैलेंस ट्रांसफर (HLBT)। इसमें आप अपनी बकाया लोन राशि को किसी दूसरे बैंक/ लोन संस्थान में ट्रांसफर कर सकते हैं जो होम लोन पर कम ब्याज दर ऑफर कर रहा है। हालांकि, यह करने से पहले आपको नए बैंक/ लोन संस्थान के बारे में नीचे दिए गए पॉइंट्स को ध्यान में रखना चाहिए: अगर नया बैंक/ लोन संस्थान वर्तमान होम दर की तुलना में कम ब्याज दर ऑफर कर रहा हो लोन ट्रान्सफर पर लागू प्रोसेसिंग फीस और अन्य शुल्क का खर्च लोन ट्रान्सफर से हो रही बचत से ज़्यादा नहीं होना चाहिए अगर वर्तमान बैंक/ लोन संस्थान ने आपके टॉप-अप होम लोन (Top-up home loan) लेने के अनुरोध को खारिज़ कर दिया है तो नया बैंक/ लोन संस्थान आपको इसकी मंज़ूरी देता हो।
अगर नया बैंक/ लोन संस्थान वर्तमान होम दर की तुलना में कम ब्याज दर ऑफर कर रहा हो
लोन ट्रान्सफर पर लागू प्रोसेसिंग फीस और अन्य शुल्क का खर्च लोन ट्रान्सफर से हो रही बचत से ज़्यादा नहीं होना चाहिए
अगर वर्तमान बैंक/ लोन संस्थान ने आपके टॉप-अप होम लोन (Top-up home loan) लेने के अनुरोध को खारिज़ कर दिया है तो नया बैंक/ लोन संस्थान आपको इसकी मंज़ूरी देता हो।
ये 5 गलतियां होम लोन लेते समय कभी नहीं करनी चाहिए, वरना झेलना पड़ेगा भारी नुकसान
जब लोग घर खरीदने के लिए लोन लेते हैं, तो वे कई बार कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान नहीं देते हैं, जो बाद में परेशानी का कारण बन सकती है। यहाँ हम कुछ ऐसी बातें बता रहे हैं जो आपको लोन लेने से पहले ध्यान में रखनी चाहिए और जिन गलतियों को आपको नहीं करनी चाहिए:
- प्री-पेमेंट का अनदेखा करना: प्री-पेमेंट का मतलब होता है लोन को समय से पहले भुगतान करने की सुविधा। होम लोन पर आपको टैक्स छूट मिलती है और इसकी ब्याज दरें अन्य लोनों की तुलना में कम होती हैं। इसलिए, प्री-पेमेंट करने का विचार करना सही हो सकता है, लेकिन यदि आप निवेश से पैसे निकालते हैं तो यह सही नहीं हो सकता।
- ईएमआई के लेट भुगतान करना: ईएमआई देर से भुगतान करने पर कुछ बैंक जुर्माना लगा सकते हैं और यदि आपकी ईएमआई किसी माह मिस होती है तो आपको अधिक शुल्क देना पड़ सकता है।
- शॉर्ट टर्म लोन का चयन करना: होम लोन पर कम समय वाले ईएमआई का चयन करना हमेशा बेहतर होता है, जिससे आपकी ब्याज में बचत हो सकती है और लोन के समय कम हो सकता है।
- कम डाउन पेमेंट करना: ज्यादा से ज्यादा डाउन पेमेंट करने से आपकी ब्याज में बचत होती है और आपका लोन की राशि कम होती है। इसलिए, यदि संभव हो तो अधिक डाउन पेमेंट करने का प्रयास करें।
- बैंकों के बीच तुलना नहीं करना: अलग-अलग बैंकों में लोन की ब्याज दरें अलग-अलग होती हैं, इसलिए आपको पहले बैंकों के बीच तुलना करनी चाहिए और कम ब्याज पर होम लोन का चयन करना चाहिए।
होम लोन के प्रकार
विभिन्न उद्देश्यों के लिए बैंक और ऋण संस्थान होम ऋण प्रदान करते हैं। इसलिए, होम ऋण के विभिन्न प्रकारों को समझने से पहले, आपको यह तय कर लेना चाहिए कि आपको ऋण की किस जरूरत का सामना है। यहां कुछ प्रमुख होम ऋण के प्रकार हैं:
होम परचेज लोन: यह सबसे सामान्य होम ऋण है जो आपको तैयार या निर्माणाधीन प्रॉपर्टी की खरीद के लिए मिलता है। बैंक या ऋण संस्था आमतौर पर प्रॉपर्टी की मूल्य का 75-90% तक का ऋण प्रदान करते हैं।
कंपोज़िट लोन: यह उन लोगों के लिए है जो प्लॉट खरीदना चाहते हैं, जो निवेश के लिए या घर निर्माण के लिए हो सकता है। इसमें, पहली किस्त के रूप में प्लॉट की राशि का ट्रांसफर होता है।
होम कंस्ट्रक्शन लोन: यह उन लोगों के लिए है जो घर निर्माण के लिए पैसे चाहते हैं। इस तरह के ऋण में, घर निर्माण के साथ-साथ ऋण की राशि का ट्रांसफर होता है।
होम रेनोवेशन/ इंप्रूवमेंट लोन: यह घर की मरम्मत और सुधार के लिए है, जो मौजूदा घर में किये जाते हैं। इसकी ब्याज दर रेगुलर होम ऋण की तुलना में कम होती है।
होम एक्सटेंशन लोन: यह उन लोगों के लिए है जो अपने घर में अतिरिक्त जगह जोड़ना चाहते हैं। बैंक या ऋण संस्था आमतौर पर उनके लिए एक प्रतिशत राशि प्रदान करते हैं जो घर निर्माण के लिए खर्च होती है।
ब्रिज लोन: यह किसी को अपना पुराना घर बेचकर नए घर की खरीद करने में सहायता करता है। यह लोन किसी अंतरिम अवधि के लिए होता है।
इंटरेस्ट सेवर लोन: यह लोन ओवरड्राफ्ट सुविधा के साथ होता है, जिसमें आपके होम लोन अकाउंट से जुड़ा जाता है। इससे आपको ब्याज पर भी बचत होती है
स्टेप अप लोन: यह लोन शुरुआती दिनों में कम ईएमआई का भुगतान करने की सुविधा देता है, लेकिन समय के साथ ईएमआई बढ़ता है।
होम लोन से मिलने वाले टैक्स लाभ
सेक्शन 24(b): ब्याज भरने पर लागू होता है। आपको इस सेक्शन के तहत ₹2 लाख तक की टैक्स छूट मिल सकती है।
सेक्शन 80C: मूल ऋण राशि पर (स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस सहित) लागू होता है। इस सेक्शन के तहत आपको ₹1.5 लाख तक की टैक्स छूट मिल सकती है।