राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने अपना डिजिटल कैंपेन #DigitalChaudhary लॉन्च किया
देश के पूर्व प्रधानमंत्री Ch Charan Singh के पोते और राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के लिए अपना डिजिटल कैंपेन #DigitalChaudhary लॉन्च किया है। अभी तक सोशल मीडिया का भरपूर उपयोग बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने किया है। जिनका वोट बैंक भारत की अर्बन क्लास से आता है।
अब युवा किसान भी सोशल मीडिया का भरपूर उपयोग करने लगा है और राष्ट्रीय लोक दल का सबसे बड़ा समर्थन इस देश के किसान और उनके बच्चों का है अगर जयंत चौधरी का यह कैंपेन सफल होता है तो पूरे किसान वर्ग को मजबूती देगा । देखा जाए तो किसान आंदोलन को सफल बनाने में बॉर्डर पर किसान और ऑफिस में उनके बच्चों ने किसान आंदोलन को मजबूती देने के लिए सोशल मीडिया को एक मजबूत हथियार बनाया था आज उसी किसान की पार्टी राष्ट्रीय लोक दल उन सभी सोशल मीडिया वारियर्स को अपने डिजिटल कैंपेन में आमंत्रित कर रही है।
ऐसे ही सिविल इंजीनियर की डिग्री रखने वाले फर्रुखाबाद जिले में स्थित कनासी गांव के निवासी किसान सुबोध सिंह गंगवार सोशल मीडिया को बहुत बड़ी ताकत मानते हैं लगातार फेसबुक के माध्यम से लोगों को जागरूक करते रहते हैं सुबह उठते ही अपने खेतों में जाकरआवारा पशुओं से रखवाली के साथ-साथ किसानों की मुद्दों को जमकर साझा करते हैं.
उनका मानना है जो पढ़े-लिखे किसान हैं । और गांव का जो युवा वर्ग जो सुबह से लेकर दोपहर तक डेट 2GB डाटा नाच गाने में खर्च देता है । वह युवा अगर अपने और किसान वर्ग के हित के लिए उस सोशल मीडिया पर आकर 15 से 20 मिनट भी दे तो इस देश में क्रांति आ सकती है किसान किसान की अनदेखी करने वाली सत्ता और सरकारें सही रास्ते पर आ सकती हैं. पर सबसे बड़ी समस्या यह है कि उनको यह ट्रेनिंग और उनकी ताकत का एहसास उनको कैसे कराया जाए। इस पर उनका मानना है कि गांव गांव जाकर जागरूकता और ट्रेनिंग प्रोग्राम करवाए जाएं ।
भारत की सिलेक्टिव मीडिया जो देश के मेन मुद्दों से आम आदमी को भटकाती है उसका एक ही समाधान है । देश की जो सच्चाई आजकल यूट्यूब और वेबसाइट के जरिए दिखा रहे हैं। उनको मजबूत किया जाए। जयंत चौधरी का यह डिजिटल कैंपेन चुनाव में ही नहीं चुनाव के बाद भी किसान और उनके बच्चों के लिए सशक्तिकरण लाएगा जयंत चौधरी का गठबंधन समाजवादी पार्टी से लगभग 40 सीटों में हुआ है। और इन 40 सीटों में दलित और मुसलमान वोट भी काफी है। बीजेपी की आईटी सेल से बचने के लिए जयंत चौधरी को बहुत ही प्लानिंग के साथ गांव गांव में सोशल मीडिया एक्टिविस्ट लगाने पड़ेंगे। किसी भी भ्रमित करने वाली एक खबर या अफवाह को बेनकाब कर सके। क्योंकि लोकदल का जो पारंपरिक वोट है वह किसी भी छोटी अफवाह से प्रभावित हो सकता है।
अगर में पश्चिम उत्तर प्रदेश की बात करूं तो पश्चिम उत्तर प्रदेश में बड़े छात्र नेता के रूप में पहचान रखने वाले अतुल प्रधान की सोशल मीडिया और उनका कैंपेन लगातार 5 वर्षों से सर्वश्रेष्ठ रहा है। उन्हीं के फेसबुक और टि्वटर पेज को यूज़ किया जाए और उस पर क्रॉस पोस्टिंग कराई जाए तो यह कैंपेन पश्चिम उत्तर प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचेगा.