Govt on new IT rule : क्या है सरकार और सोशल मीडिया कंपनियों के बीच विवाद
भारत सरकार के नए आईटी नियमों (IT Rules) के खिलाफ फेसबुक (Facebook) के मालिकाना हक वाला मैसेजिंग ऐप व्हाट्सऐप (WhatsApp) कोर्ट अदालत पहुंच गया है. वहीं सरकार ने सभी कंपनियों को नोटिस भेजकर पूछा है कि नियम का पालन अब तक क्यों नहीं किया गया?
क्या हैं नियम
नए नियमों के तहत सोशल मीडिया कंपनियों को उन पर छपने वाली सामग्री के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है और उन्हें इनसे संबंधित शिकायतों को निपटाने के लिए एक अधिकारी नियुक्त करने को कहा गया है. इसके अलावा इन अधिकारियों को 24 घंटों में शिकायत मिलने के बारे में बताना होगा और अधिकतम 15 दिनों में शिकायतों पर फैसला लेना होगा. अगर किसी अधिकृत संस्था या अधिकारी से कोई सामग्री हटाना का आदेश जारी होता है तो उसे 36 घंटों के अंदर हटाना होगा. अतिरिक्त कानूनी कार्रवाई के लिए जांच एजेंसियों की 72 घंटों के अंदर मदद करनी होगी.
इसके अलावा ट्विटर, फेसबुक आदि जैसी बड़ी सोशल मीडिया मध्यस्थ कंपनियों के लिए एक मासिक रिपोर्ट जारी करना अनिवार्य कर दिया गया है जिसमें उन्हें बताना होगा कि उन्हें शिकायतें मिलीं और उन्होंने कितने समय में उन पर क्या कार्रवाई की. उन्होंने खुद भी आपत्तिजनक सामग्री ढूंढ कर उसे हटाया या नहीं, इसका भी ब्यौरा देना होगा. अगर कंपनी इन नियमों का पालन नहीं करती है तो उसे ही कथित सामग्री के लिए जिम्मेदार माना जाएगा और उसके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
दुरुपयोग से बचाव
व्हाट्सएप, टेलीग्राम, सिग्नल आदि जैसी संदेश भेजने वाली सेवाएं भी इन नियमों के तहत आती हैं. इन सेवाओं को अब किसी भी फॉरवर्ड किए जा रहे संदेशों को सबसे पहले भेजने वाले का पता लगाना होगा और अगर उस पर कोई एजेंसी जांच कर रही है तो उसे उस व्यक्ति के बारे में बताना होगा. इससे इन सेवाओं की एन्क्रिप्शन की शक्ति बेकार हो जाएगी और इस्तेमाल करने वालों की निजता के साथ समझौता होगा.
कई आपराधिक मामलों में तो यह सहायक हो सकता है लेकिन जानकारों का कहना है कि एजेंसियों को इसका दुरूपयोग करने से रोकने के लिए कोई प्रावधान नहीं लाया गया है. फेसबुक ने एक बयान में कहा है कि उसका लक्ष्य है कि वो इन नियमों का पालन करे लेकिन कुछ मुद्दों पर सरकार से और बातचीत की जरूरत है. ट्विट्टर ने अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया है
फेसबुक ने कहा- नियमों का पालन करेंगे
इस बीच फेसबुक की तरफ से कहा गया है कि वह आईटी के नियमों का पालन करेगी। साथ ही कुछ मुद्दों पर सरकार से बातचीत जारी रखेगी। फेसबुक ने यह भी कहा है कि आईटी के नियमों के मुताबिक ऑपरेशनल प्रोसेस लागू करने और एफिशिएंसी बढ़ाने पर काम जारी है। कंपनी इस बात का ध्यान रखेगी कि लोग आजादी से और सुरक्षित तरीके से अपनी बात हमारे प्लेटफॉर्म के जरिए कह सकें।
व्हाट्सएप ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा दिया है। व्हाट्सएप ने कहा है कि सरकार की नई गाइडलाइन को लागू करने से उसके यूजर्स की प्राइवेसी खत्म हो जाएगी और यह संविधान का उल्लंघन भी होगा। इसी बीच फेसबुक ने कहा है कि उसे नई गाइडलाइन से कोई एतराज नहीं है। फेसबुक के बाद अब गूगल ने भी कहा है कि वह सरकार की नई गाइडलाइन के मुताबिक ही भारत में अपनी सेवाएं देगा।
गूगल के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हमने महसूस किया है कि अपने प्लेटफॉर्म को हम पूरी तरह से सिक्योर रखने में कभी सफल नहीं हुए लेकिन हम अपने प्रयास को नहीं छोड़ेंगे। हम अपनी पॉलिसी को जहां तक संभव होगा पारदर्शी रखेंगे। हम भारत सरकार के कानून का सम्मान करते हैं। भारत सरकार के साथ हमारा एक लंबा इतिहास है कि जब भी किसी आपत्तिजनक कंटेंट को लेकर शिकायत आती है तो हम उसकी जांच करते हैं और फिर जरूरत पड़ने पर उसे हटाते भी हैं। हम पूरी तरह से स्थानीय कानून का पालन करेंगे।’