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Jyoti Malhotra Case Explained: यूट्यूबर और ISI एजेंट की लीक चैट ने खोले खुफिया राज

यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा पर पाकिस्तान के लिए जासूसी के गंभीर आरोप लगे हैं। भागलपुर में उनकी कांवड़ यात्रा की वीडियो रील के बाद एजेंसियां उनकी गतिविधियों की जांच कर रही हैं। उनके मोबाइल नंबरों में संदिग्ध संचार पाए गए हैं, जिसमें पाकिस्तान स्थित ISI एजेंट से बातचीत भी सामने आई है। जांच के दौरान उनकी पाकिस्तानी हैंडलर से बातचीत, कोड वर्ड में संचार, और भागलपुर में स्थानीय यूट्यूबर के साथ संबंध भी उजागर हुए हैं। इस मामले ने सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता बढ़ा दी है और अजगैवीनाथ मंदिर जैसी संवेदनशील जगहों की सुरक्षा भी बढ़ाई गई है।

Jyoti Malhotra Case Explained: ज्योति मल्होत्रा नाम की यूट्यूबर इन दिनों सुर्खियों में हैं। वजह है उनके पाकिस्तान कनेक्शन को लेकर सामने आए एक के बाद एक सनसनीखेज खुलासे। भागलपुर की रहने वाली इस यूट्यूबर का नाम अचानक देशभर में चर्चित हो गया है जब उनके एक व्हाट्सऐप चैट में पाकिस्तान के ISI एजेंट से संवाद का दावा किया गया। यही नहीं, इस चैट में उन्होंने कथित तौर पर पाकिस्तान में शादी करवाने की इच्छा भी जाहिर की है।

क्या है पूरा मामला?

सबसे पहले ज्योति मल्होत्रा का एक वीडियो सामने आया जिसमें वह भारत की कुछ संवेदनशील जगहों पर घूमती दिखाई दीं। जांच में सामने आया कि वो पिछले एक साल में चार बार भागलपुर पहुंची थीं। इन दौरों के दौरान उन्होंने अजगैबीनाथ मंदिर और सुल्तानगंज जैसे सुरक्षा दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों पर रुकाव किया। इसके बाद खुफिया एजेंसियां सतर्क हुईं।

लीक चैट और पाकिस्तान कनेक्शन

जांच एजेंसियों को जो सबसे चौंकाने वाली बात लगी वह थी ज्योति और एक कथित पाकिस्तानी हैंडलर के बीच की लीक चैट। इसमें वह व्यक्ति से कहती हैं, “मेरी शादी पाकिस्तान में करवा दीजिए।” एजेंसियों का दावा है कि इस संवाद के पीछे कोडवर्ड्स का इस्तेमाल हो रहा था, जिसे ISI एजेंट समझ सकते थे।

क्यों बढ़ी सुरक्षा चिंता?

ज्योति के सोशल मीडिया अकाउंट्स और यात्रा विवरणों की जांच के बाद एजेंसियों को शक है कि वह संवेदनशील सूचनाएं पाकिस्तान तक पहुंचा सकती थीं। यही वजह है कि अजगैबीनाथ मंदिर और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इसके अलावा पठानकोट जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में उनके दौरे को भी संदेह के घेरे में लिया गया है।

ज्योति का पक्ष

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ज्योति मल्होत्रा ने एजेंसियों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि, “अगर मुझे कुछ छिपाना होता तो मैं खुद ही वीडियो क्यों अपलोड करती?” उन्होंने खुद को निर्दोष बताया है और दावा किया है कि उनकी बातचीत को गलत तरीके से पेश किया गया है।

एजेंसियों का रुख और आगे की जांच

हालांकि ज्योति की सफाई के बावजूद, एजेंसियों ने उनकी डिजिटल गतिविधियों, बैंकिंग लेनदेन और सोशल नेटवर्किंग व्यवहार की गहन जांच शुरू कर दी है। इस मामले में कई अन्य लोगों की भी भूमिका सामने आ रही है, जिन्हें देशद्रोह जैसे गंभीर आरोपों में गिरफ्तार किया गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, आठ अन्य लोगों को हिरासत में लिया गया है जिनका कथित संबंध ISI नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है।


भागलपुर आई थी ज्योति, कांवड़ यात्रा की बनाई रील
यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा भागलपुर आई थीं, जहां उन्होंने कांवड़ यात्रा पर एक रील बनाई थी। जांच के दौरान दो मोबाइल नंबर पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में पकड़े गए। ज्योति मल्होत्रा अजगैवीनाथ धाम, भागलपुर में रुकी थीं और वहां धार्मिक स्थलों पर वीडियो बनाए थे। साथ ही, उनका भागलपुर के एक यूट्यूबर से संपर्क भी था।


बंटवारे से पहले मुल्तान में रहता था ज्योति मल्होत्रा का परिवार, जड़ों से अब भी जुड़ा है रिश्ता

सूत्रों के मुताबिक, यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा का पैतृक परिवार भारत-पाकिस्तान के बंटवारे से पहले पाकिस्तान के मुल्तान और बहावलपुर क्षेत्रों में निवास करता था। 1947 के विभाजन के दौरान लाखों परिवारों की तरह उनका परिवार भी विस्थापित हुआ और भारत में आकर बस गया। बताया जाता है कि विभाजन के दौरान हुए सांप्रदायिक तनाव और दंगों के चलते उनके पूर्वजों को रातोंरात मुल्तान छोड़कर भागना पड़ा था।

परिवार की जड़ें मुल्तान से होने के कारण आज भी उनका पाकिस्तान से एक भावनात्मक संबंध बना हुआ था। यहीं से यह सवाल उठता है कि क्या यही भावनात्मक लगाव किसी संभावित कमजोर कड़ी में बदल गया? या फिर इस पृष्ठभूमि का फायदा विदेशी एजेंसियों द्वारा उठाया गया?

सूत्र यह भी बताते हैं कि ज्योति के कुछ रिश्तेदारों का अब भी पाकिस्तान में संपर्क है, हालांकि इस पर अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए सीमाओं के पार संवाद और संपर्क आसान हो चुका है, लेकिन यही खुला रास्ता कई बार गंभीर सुरक्षा खतरों का कारण भी बन जाता है।

जांच एजेंसियां फिलहाल यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या ज्योति के पाकिस्तानी संपर्क व्यक्तिगत स्तर तक सीमित थे, या फिर इसके पीछे कोई सुनियोजित नेटवर्क काम कर रहा था। उनकी यात्रा, चैट रिकॉर्ड्स और डिजिटल गतिविधियों की बारीकी से जांच की जा रही है।

अगर यह साबित होता है कि पारिवारिक संबंध या भावनात्मक लगाव को सूचना लीक करने के लिए माध्यम बनाया गया, तो यह देश की सुरक्षा के लिए एक गंभीर चेतावनी साबित हो सकती है।

निष्कर्ष:

ज्योति मल्होत्रा का मामला इस बात का उदाहरण है कि किस तरह सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। यह घटना सुरक्षा एजेंसियों के लिए अलर्ट है कि सूचना युद्ध के इस दौर में हर डिजिटल गतिविधि पर पैनी नजर रखना जरूरी है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि जांच किन निष्कर्षों पर पहुंचती है और क्या वाकई इसमें कोई अंतरराष्ट्रीय जासूसी नेटवर्क काम कर रहा था।

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