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मोदी सरकार ने डबल म्यूटेंट पर कोवैक्सीन की क्षमता को लेकर झूठ बोला?

भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर (second wave of coronavirus) से लोग बेहाल हैं. अस्पताल भरे हुए हैं, लोगों को ऑक्सीजन और वेंटिलेटर क्या, बिस्तर तक नहीं मिल रहे. दूसरी तरफ सरकार का दावा है कि ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन लगवाकर हम इस बीमारी से बच सकते हैं. सरकार ने पिछले महीने पहले संसद में बताया था कि भारत की बनी कोवैक्सीन कोरोना वायरस के डबल म्यूटेंट पर भी असरदार है. 1 मई से 18 साल से ऊपर के सभी लोग वैक्सीन लगवा सकेंगे. हालांकि, वैक्सीन के दोनों डोज़ लग जाने के बाद भी लोगों में इन्फेक्शन के काफी मामले सामने आ रहे हैं.

अब ‘कोवैक्सीन’ बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक के चेयरमैन ने कहा है कि वो  दावे से नहीं कह सकते कि वैक्सीन कोरोना वायरस के डबल म्यूटेंट पर असरदार है. उनका कहना है कि इससे जुड़े डेटा के अगले हफ्ते तक आने की उम्मीद है.

सरकार और कंपनी की बातों में फर्क

कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक के चेयरमैन डॉक्टर कृष्णा एला ने ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन के लीडरशिप कॉनक्लेव में कहा कि अगर सरकार को तेजी से फैल रहे डबल म्यूटेंट के लिए वैक्सीन की जरूरत है तो उसे इसके लिए अलग से बताना होगा. सरकार के अलग से बताने पर ही डबल वैरिएंट के लिए वैक्सीन उपलब्ध होगी.

वहीं, इस नए वेरिएंट पर भी वैक्सीन को असरदार बताते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विन चौबे ने संसद में कहा था,

कोवैक्सीन के कंपोजिशन को बदलने की फिलहाल कोई जरूरत नहीं समझी गई है क्योंकि इसकी क्षमता वायरस के वैरिएंट्स के खिलाफ भी अच्छी है.

हाल ही में अधिकारियों को भी यह कहते सुना गया है कि कोवैक्सीन कोरोना वायरस के यूके और ब्राजील के वैरिएंट्स के खिलाफ भी असरदार है.

एनडीटीवी से बात करने के दौरान भारत बायोटेक के चेयरमैन डॉक्टर एला ने कहा कि

मैं साउथ अफ्रीका के वैरिएंट के बारे में नहीं जानता. जहां तक भारत के डबल म्यूटेंट के बारे में बात है तो इसे लेकर भी हमें जानकारी नहीं है. हमारे पास अगले हफ्ते तक डाटा उपलब्ध होगा. अगर सरकार को लगता है कि डबल म्यूटेंट के लिए वैक्सीन होनी चाहिए तो यह फैसला सरकार को लेना है, वैक्सीन बनाने वाली कंपनी को नहीं. हम पूरी तरह से लचीले हैं. फैसला सरकार को लेना है.

जब डॉक्टर एला से पूछा गया कि क्या उनका कहने का मतलब यह है कि अब भी उस डेटा का इंतजार किया जा रहा है जिससे पता चले कि वैक्सीन डबल म्यूटेंट पर कारगर है कि नहीं, तो उन्होंने कहा,

मैं नहीं चाहता कि लोग कहें कि आपने पिछले हफ्ते कुछ और कहा था. इन सब चीजों में वक्त लगता है. हमें बायोसेफ्टी लेवल 3 पर काम करना होता है. हम इसे लेकर काफी गंभीर हैं. हम ऐसी वैक्सीन नहीं बनाना चाहते जो काम ही न करे.

भारत में तेजी से फैलते कोरोना वायरस के लिए जिम्मेदार डबल म्यूटेंट B.1.617 की शुरुआती जानकारी पिछले साल ही मिल गई थी. इसकी विस्तृत रिपोर्ट वैज्ञानिकों ने हाल ही में WHO को दी है. भारत के हेल्थ मिनिस्टर ने सबसे पहले डबल म्यूटेंट की बात पिछले महीने स्वीकार की थी. इसके बाद से यह डबल म्यूटेंट 10 देशों में पाया जा चुकी है. इनमें ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, यूके और अमेरिका जैसे देश शामिल हैं.

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