अधिकारियों ने चेताया था फिर भी केंद्र ने बेच दिया ऑक्सीजन, हो रही मौतों के लिए सरकार जिम्मेदार?

देशभर से मेडिकल ऑक्सीजन की किल्लत के मामले सामने आ रहे हैं, बिना ऑक्सीजन एक साथ कई मरीज़ जान गंवा रहे हैं, इन सबका ज़िम्मेदार कौन है? केंद्र सरकार।
ठीक एक साल पहले अप्रैल महीने में सरकार को ऑक्सीजन की कमी के बारे में चेताया गया था, उसके बावजूद सरकार ने कोई ख़ास प्रबंध नहीं किया।
हालात इतने खराब हो चले हैं कि अस्पतालों को ऑक्सीजन की कमी पूरी करने के लिए न्यायालयों का रुख करना पड़ रहा है।
‘इंडियन एक्सप्रेस’ की खबर के अनुसार, पिछले साल केंद्र सरकार द्वारा कोरोना से लड़ने की योजना बनाने के लिए 11 एमपावरड ग्रुप्स का गठन किया गया था। साल 2020 के देशव्यापी लॉकडाउन के एक हफ्ते बाद ही इनमें से एक ग्रुप (एमपावरड ग्रुप- VI) ने सरकार को ऑक्सीजन की कमी के बारे में चेतावनी दी थी।
एमपावरड ग्रुप- VI के अफसरों ने प्राइवेट सेक्टर, NGOs और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ काम करके अपनी रिपोर्ट तैयार की थी।
इस ग्रुप ने 1 अप्रैल, 2020 को हुई अपनी दूसरी ही मीटिंग में ऑक्सीजन की कमी के बारे में चिंता जताई थी। बैठक की ‘मिनट्स ऑफ़ द मीटिंग’ में लिखा था कि ‘आने वाले दिनों में भारत को ऑक्सीजन सप्लाई की किल्लत हो सकती है’।
यह बैठक नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत की अध्यक्षता में हुई थी। इसमें प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से दर्जनों अधिकारी मौजूद थे। इसी के साथ गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, कैबिनेट सचिवालय के अधिकारी भी मौजूद थे।
एमपावरड ग्रुप-VI के अलावा ‘स्वास्थ्य की संसदीय स्थायी समिति’ ने भी मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धदता का मुद्दा उठाया था। समिति ने सरकार को ‘अस्पतालों में मांग के हिसाब से ऑक्सीजन का उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित किया था।’
सरकार को एक साल पहले ही चेतावनी मिल चुकी थी, मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन पर सलाह मिल चुकी थी। लेकिन सरकार ने अस्पतालों की डिमांड के हिसाब से ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं करवाया।
पिछले साल मिली चेतावनी तो दूर की बात है, इस साल के बुरे हालातों को देखते हुए भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। देश की राजधानी दिल्ली की सरकार द्वारा ऑक्सीजन की मांग की गई, उसके बावजूद समय की गंभीरता को नहीं समझा गया।
नतीजा ये कि ऑक्सीजन की कमी पूरी करवाने के लिए मैक्स अस्पताल को दिल्ली हाई कोर्ट का रुख करना पड़ा। सर गंगा राम अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के चलते 25 लोगों की मौत हो गई।
खबर खबर स्रोत(Source) – ये खबर boltahindustan.in से ली गई है