गोरखपुर पुलिस की बर्बरता होटल में मार डाला कानपुर का व्यापारी मनीष गुप्ता जानें पूरी कहानी
उत्तर प्रदेश का गोरखपुर जिला। सीएम योगी आदित्यनाथ का गढ़। यूपी सीएम का गृह जनपद होने के नाते यहां पर व्यवस्थाएं दुरुस्त होनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं है। यह वह शहर है जहां लोग पुलिस से डरते हैं। तीन दिनों पहले कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता को पुलिस ने चेकिंग के नाम पर प्रताड़ित किया और उसकी मौत हो गई। यह पहली बार नहीं जब पुलिस की बरबरता सामने आई है। यहां अकसर ऐसे मामले सामने आते रहते हैं।
हरियाणा के मेवात, नूह निवासी हरबीर सिंह व गुडगांव के सेक्टर 48 निवासी प्रदीप कुमार का कहना है कि उनका कहना है कि उनके दोस्त व कानपुर के प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता ने सोमवार की रात रामढ़ताल थाना पुलिस से सिर्फ इतना ही कहा था कि आतंकी नहीं हैं हम, गोरखपुर का विकास देखने आए हैं।
उनका कहना है कि मनीष का यह कहना उसके लिए काल बन गया। पुलिस ने उसे इतना मारा कि उसकी मौत ही हो गई। दोनों का कहना है कि गोरखपुर को लेकर उन्होंने अपने भीतर क्या-क्या सपने सजोये थे, लेकिन जैसे ही गोरखपुर का नाम सामने आ रहा है तो पुलिस की बर्बरता में यहां अक्स ही जेहन में नहीं उभर पा रहा है। दोनों बार-बार लोगों से सवाल कर रहे हैं कि मनीष का पोस्टमार्टम कब पूरा होगा। उन्हें यहां से कब जाने को मिलेगा। दोनों हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहे हैं और लोगों से कह रहे हैं कि बस एक बार यहां से जाने का मौका मिल जाए। दुबारा अपने किसी परिचित से गोरखपुर जाने के लिए नहीं कहूंगा।
ऑडियो में मनीष गुप्ता ने क्या कहा
मनीष गुप्ता और एक शख्स के बीच की बातचीत का ऑडियो सामने आया है.
यह ऑडियो मौत से पहले का बताया जा रहा है. इस ऑडियो में मनीष कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि..कि पुलिसवाले आ गए हैं, यहां माहौल बिगड़ रहा है.
मौजूद ऑडियो में मनीष गुप्ता कहते हैं कि बेटा (दुर्गेश) यहां पर हम लोग सो रहे थे, तभी कुछ लोग आ गए हैं.. जब यह बात मनीष कहते हैं तब तक पीछे से पुलिसकर्मी की आवाज आती है, उससे मनीष कहते हैं कि सर क्यों आए हैं? इस पर पुलिसकर्मी कहता है कि रेगुलर चेकिंग है… इस बीच फोन पर कई बार आवाज डिस्टर्ब होता है…. आखिर में मनीष कहते हैं कि बात खराब हो रही है अब, हम लोगों को थाने ले जा रहे हैं बिना कुछ किए.
चार महीने पहले BJP से जुड़े थे मनीष
मौजूद ऑडियो में मनीष गुप्ता कहते हैं कि बेटा (दुर्गेश) यहां पर हम लोग सो रहे थे, तभी कुछ लोग आ गए हैं.. जब यह बात मनीष कहते हैं तब तक पीछे से पुलिसकर्मी की आवाज आती है, उससे मनीष कहते हैं कि सर क्यों आए हैं? इस पर पुलिसकर्मी कहता है कि रेगुलर चेकिंग है… इस बीच फोन पर कई बार आवाज डिस्टर्ब होता है…. आखिर में मनीष कहते हैं कि बात खराब हो रही है अब, हम लोगों को थाने ले जा रहे हैं बिना कुछ किए.
आरोपी पुलिस कर्मी कौन है Story 2
आरोप है कि इंस्पेक्टर रामगढ़ताल जेएन सिंह और फलमंडी चौकी इंचार्ज अक्षय कुमार मिश्रा ने तीन में से दो युवकों को पहले पीटते हुए बाहर कर दिया, इसके बाद होटल का कमरा बंद कर तीसरे युवक को इतना पीटा कि वो बुरी तरह घायल हो गया. जिसके बाद अस्पताल पहुंचने के बाद उसने दम तोड़ दिया.
तीनों में से हरदीप ने खुद का और अपने साथी प्रदीप चौहान की आईडी दिखा दी. इस दौरान मनीष सो रहे थे. प्रदीप ने उन्हें आईडी दिखाने के लिए जगाया. इतने पर प्रदीप ने कहा कि, इतनी रात में यह चेकिंग किस बात की हो रही है .हम लोग क्या आतंकवादी हैं? सोते हुए इंसान को आप लोग उठाकर डिस्टर्ब कर रहे हैं. आरोप है कि इतने पर ही पुलिस ने थप्पड़ मारना शुरू कर दिया. दोनों युवकों ने आरोप लगाया है कि पुलिस वालों ने शराब पी रखी थी. आरोप है कि इंस्पेक्टर जेएन सिंह और अक्षय मिश्रा ने उन्हें थप्पड़ मारे.
पुलिस वाले हम दोनों को पीटते हुए कमरे से बाहर ले गए. कुछ ही देर बाद देखा कि पुलिस वाले साथी मनीष गुप्ता को घसीटते हुए बाहर लेकर आए,वह खून से लथपथ था. इसके बाद पुलिस वाले मनीष को अस्पताल ले गए.जहां उसकी मौत हो गई.
युवकों ने बताया कि जब पुलिस वाले दोबारा आए थे तो सभी ने अपनी नेम प्लेट भी हटा ली थी. चंदन सैनी ने बताया कि मृतक दोस्त कानपुर का रहने वाला है. मनीष अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था. 5 साल पहले ही उसकी शादी हुई थी. परिवार में उसके बीमार पिता और पत्नी के अलावा उसका एक 4 साल का मासूम बेटा है. मां की कुछ दिनों पहले मृत्यु हो चुकी है.
मृतक की पत्नी ने मांगा इंसाफ
मनीष गुप्ता की पत्नी का इस घटना के बाद रो- रोकर बुरा हाल है. उनका आरोप है कि पुलिस वालों ने उनके पति के साथ मारपीट की और उनके मुंह से खून निकल रहा था. उन्होंने कहा,
मेरे पति की हत्या योगी और मोदी जी के प्रशासन ने की है. अब मैं उन दोनों से पूछना चाहती हूं कि मेरे चार साल के बच्चे को कौन देखेगा?
योगी आदित्यनाथ कल कानपुर में व्यवसायी मनीष गुप्ता के परिवार से मिल सकते हैं।
पुलिस कुछ और कहानी बता रही है
इस मामले पर जब द लल्लनटॉप ने जिले के एसएसपी डॉ. विपिन ताडा से बातचीत की थी तो उन्होंने मनीष के गिरने की वजह से चोटिल होने की बात कही थी. उनका कहना था कि पुलिस जब होटल में जांच के लिए पहुंची तो मनीष नशे की हालात में बेड से गिरे और उन्हें चोट लगी, जिसकी वजह से उनकी मौत हुई. इसे लेकर एसएसपी ताडा ने आधिकारिक बयान भी जारी किया.
मनीष गुप्ता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोली गोरखपुर पुलिस की पोल
पुलिस की झूठी कहानी की पोल खोल कर रख दी है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला है कि मनीष के सिर, चेहरे और शरीर पर गंभीर चोट के निशान हैं. मनीष के सिर के अगले हिस्से पर तेज प्रहार किया गया, जिससे उनके नाक के पास से खून बह रहा था. उधर पुलिस इसे अभी भी हादसे में हुई मौत ही बता रही है.
UP के सभी दागी पुलिसकर्मियों की जांच कर बर्खास्त करें
इस केस में अब तक कई पुलिसकर्मियों पर गाज गिर चुकी है और उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा भी दर्ज किया गया है. वहीं दूसरी तरफ इस मामले को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ (Cm Yogi Adityanath) ने भी सख्त रुख अपनाया है. टीम-9 की बैठक में सीएम योगी ने पुलिस विभाग को लेकर गुरुवार को अहम निर्देश दिए हैं. सीएम ने एडीजी, कानून व्यवस्था और डीजी इंटेलिजेंस के नेतृत्व में प्रदेश में दो कमेटियां बनाने का निर्देश दिया है.
सीएम योगी ने निर्देश दिया है कि ये दोनों कमेटियां पूरे उत्तर प्रदेश के सभी पुलिसकर्मियों का रिकॉर्ड रिव्यू करेंगी. इसमें जो भी पुलिसकर्मी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ जबरन रिटायरमेंट और बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाएगी. ये दोनो कमेटियां जल्द से जल्द सीएम योगी को अपनी रिपोर्ट देंगी. मुख्यमंत्री ने साफ निर्देश दिया है कि दोगी पुलिस अफसरों, कर्मियों को कोई भी महत्वपूर्ण तैनाती नहीं दी जाए.