किसान नेता पिछले 12 दिन से अनिश्चित कालीन अनशन पर
उत्तर प्रदेश किसान कांग्रेस के अध्यक्ष तरुण पटेल आवारा पशु से किसानो को हो रहें नुकसान की भरपाई को लेकर पिछले 12 दिन से पशुधन की बर्बादी पर हर्जाना दो की मुहिम को लेकर उपवास पर बैठे हैं।
यूपी में सरकार बनते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोवंश की हत्या पर रोक लगा दी थी| इसके बाद उत्तर प्रदेश में आवारा पशुओं की तादाद बढ़ गई है | पिछले सात महीने से किसान आंदोलन कर रहे किसानो की कई दौर की बातचीत सरकार के साथ हो चुकी है ]पर किसानो को अभी कोई समाधान दिखाई नहीं दे रहा है किसान खेत और सड़को महीनो से पड़ा हुआ है। कोई सुनवाई करने वाला दूर दूर तक नजर नहीं आता। सड़क पर किसान बिलों को लेकर पड़ा है और रातभर खेतो में आवारा पशुओं से रखवाली में हर तरफ जीना दुष्वार लगने लगा है
आवारा पशु कर रहे किसानों की फसल बर्बाद
पिछले कुछ सालों से किसान आवारा पशुओं से बेहद परेशान हैं. जहां भी मौका लगता है यह आवारा पशु किसानों के खेतों में घुस जाते हैं और उसके खेत में खड़ी फसल को नुकसान पहुंचा देते हैं. इन आवारा पशुओं से अपनी फसल को बचाने के लिए किसान और उसके परिवार के लोग दिन-रात खेतों की रखवाली करने में जुटे रहते हैं|
बुंदेलखंड के किसान इन दिनों आवारा पशुओं की समस्या से बेहद परेशान हैं। पहली बार फसलों को बचाने के लिए किसानों को खेतों के चारों तरफ कंटीले तार लगाने पड़ रहे हैं। खेतों की रखवाली में जरा-सी चूक का मतलब है, साल भर की मेहनत पर पानी फिर जाना। सूखे का दंश झेल रहे इस क्षेत्र में आवारा पशुओं की समस्या क्यों विकराल हो रही है| यह जानने के लिए भागीरथ ने स्थानीय प्रतिनिधियों से बात की
रामनरेश, ग्राम प्रधान कतरावल गांव, बांदा, उत्तर प्रदेश (source ) www.downtoearth.org.in
मैंने अपने खेतों में धान की रोपाई की है। खेतों के चारों तरफ कंटीले तार लगाए हैं फिर भी आवारा पशु खेतों में घुसकर फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। हम लोग रातभर जागकर खेतों की रखवाली कर रहे हैं, तब जाकर कुछ हद तक फसल बच रही है। जिनके खेतों में बाड़बंदी नहीं हुई है, उनकी फसलों को तो बहुत नुकसान हो रहा है। पिछले दो-तीन साल से यह समस्या है जो धीरे-धीरे गंभीर होती जा रही है।
लखनऊ के एक किसान राजमणि यादव कहते हैं, “पहले नीलगाय से किसान परेशान थे और अब गोवंश से परेशान हैं. खेती करना वैसे ही एक महंगा सौदा हो गया है, तिस पर जब खड़ी फसल ये मवेशी चट कर जाते हैं तो किसान का जैसे सब कुछ लुट जाता है. उसके पास तो फिर खाने के लाले पड़ जाते हैं.”
वैसे तो सभी जिलों के किसान रात रात भर जाग कर आवारा पशुओं से अपने खेतों को की रखवाली करने में जुटे हैं, लेकिन फर्रुखाबाद में पड़ने वाले नवाबगंज ब्लॉक के कई गांव ऐसे हैं. जहां रात में खेतों में खड़ी फसल को आवारा पशुओं से बचाने के लिए महिलाओं को भी आगे आना पड़ा है. हसायन क्षेत्र में महिलाएं रात रात भर खेतों की रखवाली करती दिख जाएंगी.
योगी आदित्यनाथ को कहीं भारी न पड़ जाएं आवारा पशु
मेरठ में किसानों ने ‘गाँव डॉट कॉम ‘ से बातचीत में योगी सरकार पर आरोपों की बौछार लगा दी. आसपास के सरपंच जमा हुए तो आवारा पशुओं को लेकर उनका दर्द सामने आया. किसानों का कहना है कि पशुओं को बचाने के लिए किसानों की लागत बढ़ रही है. दूसरी ओर फसल की कीमत न मिलने से किसान सिर्फ घाटा झेल रहा है. किसानों का कहना है कि जब चारे की व्यवस्था नहीं है तो ऐसे में कितने मवेशी किसान पालेंगे. किसान चेतावनी दे रहे हैं कि चुनाव में किसानों की नाराजगी सामने आएगी और इसका असर गंभीर देखने को मिलेगा. प्रतापगढ़ से पूर्व विधायक और अखिलेश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे शिवाकांत ओझा का कहना है कि पौने 2 साल की योगी सरकार ने कहीं भी गौशाला नहीं बनाई. सपा नेता का दावा है कि किसानों में इसके चलते जो रोष है जिसका खामियाजा बीजेपी को2022 के चुनाव में उठाना पड़ेगा.
चुनावों की शुरुआत में अब 7 से ८ महीने से कम का समय बचा है. ऐसे में उत्तर प्रदेश में किसानों की नाराजगी बीजेपी के लिए एक बड़ी चिंता का सबब बन सकती हैदेखा जायें तो उत्तरप्रदेश बहुत से चुनावी मुद्दे है पर जिस प्रदेश की 70% आबादी खेती वाड़ी से गुजर बसर करती हो , उस प्रदेश के लिए किसान और मजदुर एक बड़ा मुद्दा है
तरुण पटेल के इस अनशन को भरपूर जनसमर्थन देखने को मिल रहा है, सोशल मीडिया पर भी लोग इस किसान हित में हो रहे इस आंदोलन को भरपूर जनसमर्थन मिल रहा है महिला किसान भी भारी मात्रा में अनशन स्थल पर पहुंच रही है
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने भी ट्विटर पर समर्थन दिया है इसी क्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री,पूर्व सांसद पीएल पुनिया ने #किसानउपवास को ट्विटर पर समर्थन दिया.
इसी क्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री,पूर्व सांसद पीएल पुनिया ने #किसानउपवास को ट्विटर पर समर्थन दिया.