बिहार : पटना के तीनों श्मशान घाट का होगा निजीकरण, मंत्रोच्चारण भी प्राइवेट ?
राजधानी पटना के श्मशान घाटों को प्राइवेट एजेसिंयों को सौंपने की तैयारी चल रही है। जिसके बाद यहां की सारी जिम्मेदारी इन एजेंसी को सौंप दी जाएगी। एजेंसी के स्टाफ ही लाशों के अंतिम संस्कार कराएंगे और मंत्रोच्चारण भी करेंगे।
कोरोना के कारण राजधानी पटना के श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार के लिए लाशों की कतार लग रही है, जिससे यहां की व्यवस्था की पोल खुल गई है। अब पटना नगर निगम ने फैसला लिया है कि राजधानी के तीनों विद्यूत शवदाह गृह वाले। श्मशान घाटों की मेंटेनेंस की जिम्मेदारी प्राइवेट एजेंसी को सौंपी जाएगी। कहा जा सकता है कि अब अंतिम संस्कार कराने का काम प्राइवेट एजेंसियां करेंगे।
नगर निगम के अनुसार बांस घाट, गुलबी घाट और खाजेकलां घाट के विद्युत शवदाह गृह को एजेंसी के माध्यम से चलाया जाएगा अभी तक तीनों श्मशान घाट के विद्युत शवदाह गृह को नगर निगम के कर्मी ही चलाते ऐसे में अभी तक कई बार शिकायत मिली कि जानबूझकर मशीन को खराब कर दिया जाता है ताकि लोगों से पैसे वसूली की जा सके।
नगर निगम के आयुक्त की माने तो इसी महीने के अंत तक तीनों शवदाह गृह के लिए टेंडर जारी कर दी जाएगी जिसके बाद इसकी जिम्मेदारी प्राइवेट एजेंसियों को सौंप दी जाएगी।
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सरकार के इस फैसले की आलोचना की है।
तेजस्वी यादव ने ट्वीटर पर लिखा है कि सीएम नीतीश कुमार ने पटना के श्मशान घाटों का भी निजीकरण कर दिया।
तेजस्वी ने कहा कि बिहार की निकम्मी एनडीए सरकार ना तो जिंदा लोगों को संभाल पा रही है और नहीं मृत को। नीतीश सरकार पर करारा प्रहार करते हुए तेजस्वी ने कहा कि धिक्कार है ऐसी नाकारा, निष्ठुर और बेशर्म सरकार पर।