राजनीति

असम के पथरकंडी में बीजेपी प्रत्याशी कृष्णेंदु पॉल के गाड़ी में EVM मिलने से राजनीतिक हड़कंप मच गया है।

चुनाव आयोग की ओर से बताई गई इस कहानी में सबसे बड़ा झोल क्या है.

असम के पथरकंडी में बीजेपी प्रत्याशी कृष्णेंदु पॉल के गाड़ी में EVM मिलने से राजनीतिक हड़कंप मच गया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और उनके भाई राहुल गांधी इस मामले में BJP के साथ-साथ चुनाव आयोग पर भी हमला बोला। चुनाव आयोग ने BJP नेता की गाड़ी में EVM मिलने की घटना पर सफाई देते हुए कहा है कि गाड़ी खराब हो गई थी। इसके बाद चुनाव अधिकारियों को BJP प्रत्याशी की गाड़ी में लिफ्ट लेना पड़ा। सफाई देने बाद आयोग ने इस मामले में चार अधिकारियों को सस्पेंड करने का आदेश जारी कर दिया है।

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने ये वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया और कहा कि ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं और इलेक्शन कमीशन (EC) को इन पर निर्णायक कदम उठाना चाहिए। असम में 1 अप्रैल को दूसरे फेज की वोटिंग हुई। इस दौरान 39 सीटों के लिए 74.64% मतदान हुआ। पहले फेज में यहां 72.14% वोट पड़े थे।

प्रियंका ने भाजपा पर उठाया सवाल
प्रियंका गांधी ने कहा, “जब प्राइवेट गाड़ियों में EVM मिलती हैं तो ऐसे मामलों को इकलौती घटना बताया जाता है और भूल मानकर खारिज कर दिया जाता है। वीडियो एक्सपोज करने वालों को भाजपा वाले मीडिया का इस्तेमाल कर हारा हुआ साबित करते हैं। वास्तव में ऐसी बहुत सारी घटनाएं हो रही हैं और कोई कदम नहीं उठाया जाता। EC को कदम उठाना चाहिए। सभी राष्ट्रीय दलों को EVM के इस्तेमाल पर दोबारा विचार करना चाहिए।’

चुनाव आयोग की ओर से बताई गई इस कहानी में सबसे बड़ा झोल क्या है.

बारिश, जाम और चुनाव की गाड़ी

1 अप्रैल गुरुवार को असम में मतदान के बात करीमगंज जिले के पथरकंडी इलाके में बीजेपी प्रत्याशी कृष्णेंदु पॉल की सफेद बोलेरो कार में EVM मिली थीं. चुनाव आयोग ने इसे लेकर जो प्रेस रिलीज जारी की है, उसमें पूरी कहानी बताई है. इलेक्शन कमीशन ने बताया-

1 अप्रैल को पोलिंग के बाद चुनाव पार्टियां सुरक्षाबलों की निगरानी में करीमगंज लौट रही थीं. नेशनल हाईवे नंबर 8 पर उस वक्त करीब 1300 गाड़ियां थीं. बारिश हो रही थी. इससे हाइवे पर काफी जाम लग गया. पोल पार्टियों की गाड़ियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस ऑफिसर लुहित गोहेन की थी. बारिश और जाम के बीच नीलम बाजार के पास चुनाव पार्टी की एक गाड़ी खराब हो गई. बाकी गाड़ियां आगे निकल गईं. यह 1 अप्रैल की रात 9 बजे की बात है.

उस गाड़ी में मौजूद पोल पार्टी ने सेक्टर ऑफिसर अजय सूत्रधार को फोन करके घटना की जानकारी दी. अजय ने उन्हें दूसरी गाड़ी भेजने का आश्वासन दिया. इस बीच पोल पार्टी ने बारिश के माहौल में खुद ही गाड़ी का इंतजाम कर लिया. तकरीबन 9:20 बजे AS-10B-0022 नंबर की एक कार में लिफ्ट ले ली. हालांकि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि ये गाड़ी किसकी है. गाड़ी में ईवीएम के साथ बैठकर वो करीमगंज के लिए निकले. रात 10 बजे वो कनिशैल नाम की जगह पर पहुंचे. वहां पर ट्रैफिक काफी धीमा था, ऐसे में उनकी गाड़ी भी धीमी हो गई.

इलेक्शन कमीशन की रिपोर्ट आप इस लिंक से डाउनलोड कर सकते है

https://eci.gov.in/files/file/13235-factual-report-on-incident-involving-evm-at-karimganj-action-taken-against-presiding-officer-repoll-ordered-at-ps-no-149-of-ratabari-assam-as-added-precaution/

अब शुरू हुआ टाइम का लोचा

यहां तक तो इलेक्शन कमीशन की कहानी सही चलती है, लेकिन इसके बाद कहानी में पेच आ जाता है. आप आगे की कहानी गौर से सुनिए, आपको भी समझ में आ जाएगा. चुनाव आयोग ने आगे बताया-

कनिशैल में चुनाव टीम की इक कार को लगभग 50 लोगों की भीड़ ने घेर लिया. आगे बढ़ने से रोक दिया. भीड़ का नेतृत्व करने वाले से इसका कारण पूछा गया. उसने बताया कि यह गाड़ी तो विधायक और बीजेपी प्रत्याशी कृष्णेंदु पॉल की है. उन्होंने आरोप लगाने शुरू कर दिए कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा रही है. उस वक्त पोल पार्टी को अहसास हुआ कि उनसे चूक हो गई है. ऐसे में उन्होंने सेक्टर ऑफिसर को अलर्ट कर दिया. इसके बाद और लोग जमा हो गए, और रात 9.45 बजे पोल पार्टी को ईवीएम समेत बंधक बना लिया गया.

आपने गौर किया? इलेक्शन कमीशन एक जगह लिख रहा है कि भीड़ ने 10 बजे गाड़ी रोकी. दूसरी जगह लिख रहा है कि 9.45 बजे भीड़ ने उसके कर्मचारियों को बंधक बना लिया. सवाल ये उठता है कि गाड़ी रोकने से पहले ही भीड़ ने बंधक कैसे बना लिया?

पोलिंग अफसर भी लापता हो गया

आगे इलेक्शन कमीशन ने बताया कि-

घेराव की जानकारी मिलने के फौरन बाद 10.20 बजे करीमगंज के DEO (जिला चुनाव अधिकारी) और एसपी मौके पर पहुंच गए. पता चला कि जिस प्राइवेट कार में पोल पार्टी जा रही थी, वो मधुमिता पॉल के नाम रजिस्टर्ड है. वह बीजेपी कैंडिडेट कृष्णेंदु पॉल की पत्नी हैं. मौके पर मौजूद भीड़ पोलिंग पार्टी पर हमला करने को उतारू थी. भीड़ ने कार पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए. कार के शीशे टूट गए. एसपी करीमगंज को भी चोट आई. एसपी को माहौल संभालने के लिए हवाई फायरिंग करनी पड़ी. पहला पोलिंग ऑफिस मौके पर नहीं मिला, लेकिन बाकी पोलिंग ऑफिसर और ईवीएम को रात 11.20 पर सुरक्षित बचा लिया गया.

जांच से पता चला कि EVM के साथ-साथ BU, CU और VVPAT पूरी तरह से सुरक्षित और सीलबंद मिली हैं. उन्हें स्ट्रॉन्ग रूम में जमा करा दिया गया है. लापता पोलिंग ऑफिसर को 2 अप्रैल की सुबह तक खोजा जाता रहा. इस वजह से इस घटना की रिपोर्ट देने में कुछ घंटों की देरी हुई.

बूथ पर फिर होगी वोटिंग

इलेक्शन कमीशन ने बताया कि भले ही ईवीएम और वीवीपैट जैसी चीजें सील बंद पाई गई हैं लेकिन फिर भी बूथ नंबर 149 इंदिरा एम.वी. स्कूल पर दोबारा वोटिंग कराई जाएगी. पीठासीन अधिकारी और 3 अन्य अधिकारियों को सस्पेंड भी किया गया है. इस मामले में पीठासीन अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. पूछा गया है कि उन्होंने ट्रांसपोर्ट प्रोटोकॉल का उल्लंघन क्यों किया. मामले में स्पेशल ऑब्जर्वर से रिपोर्ट भी तलब की गई है.

इस पूरे मामले में बड़ा सवाल ये उठता है कि घटना के घंटों बाद भी दी गई रिपोर्ट में टाइमलाइन को लेकर लोचा कैसे पैदा हो गया? क्या ये सिर्फ टाइपो है या वाकई कुछ झोल है? अब इस बारे में चुनाव आयोग ही कुछ कहे, तब असलियत सामने आएगी.

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