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नोएडा- ग्रेटर नोएडा के डूबे क्षेत्रों में रहने वालों को नहीं मिलेगी कोई सुरक्षा, 5 लाख से अधिक है अवैध इलाके की आबादी

प्रतिकातमक फोटो- Pixabay

Noida News : नोएडा और ग्रेटर नोएडा के कुछ क्षेत्र में रहने वाले को बहुत बड़ी समस्या होने वाली है। हम डूबे क्षेत्रों में घर बनाकर रहने वाले 5 लाख से अधिक लोगों की बात कर रहे हैं। सरकार, जिला प्रशासन और यहां तक की प्राधिकरण भी इसे अवैध बताता है। इतने सब के बाद भी यहां साल-दर-साल घरों की संख्या और लोगों की आबादी बढ़ती जा रही है।

ऐसे में डूबे क्षेत्रों में बाढ़ आने से प्राधिकरण और जिला प्रशासन दोनों की समस्याएं बढ़ जाती है, क्योंकि इस स्थिति में प्रशासन की टीम को इन्हें सुरक्षा देने पड़ती है। पिछले दिनों डूब क्षेत्र में बाढ़ आई थी, जिसमें प्रशासन ने लोगों की भरसक मदद की थी। मगर अब प्रशासन इससे पीछे हट रहा है।


जारी की नई गाइडलाइन


जिला प्रशासन ने अब इस पर कड़ा कदम उठा लिया है। प्रशासन ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा के इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए एक गाइडलाइन जारी की है। इस गाइड लाइन में जिला प्रशासन ने कहा कि जो लोग हिंडन नदी के करीब यानी डूब क्षेत्रों में रहते है, उन लोगों को बाढ़ के समय सुरक्षा नहीं दी जाएगी।  इतना ही नहीं अगर इसके दौरान कई भी जनहानि होती है  तो भी इसके लिए लोग स्वयं ही जिम्मेदार होंगे।


लगातार हो रहा निर्माण


प्रशासन के लगातार चेताने के बाद भी लोगों में कोई बदलाव नहीं आ रहा है और हिंडन के डूब क्षेत्र में निरंतर अवैध निर्माण हो रहा है। बिना किसी रोक-टोक के डूब क्षेत्र में लगातार कॉलोनी काटी जा रही है। इतना ही नहीं छिजारसी से लेकर मोमनाथल तक कई बड़े मकान बनाए जा चुके हैं।

इसके साथ ही यमुना नदी के डूब क्षेत्र में भी लगातार अवैध निर्माण किया जा रहा है । बताया जा रहा है कि वहां अवैध रूप से कई फार्म हाउस बनाए जा रहे हैं। इसके साथ ही स्कूल, क्रेशर प्लांट, हॉट मिक्स प्लांट, कंक्रीट, रेडी मिक्स प्लांट और बदरपुर सैंड की धुलाई की हौदियां भी बनाई जा चुकी हैं। बुरी खबर ये है कि ऐसे में अगर बाढ़ आती है तो  सिंचाई विभाग के अफसरों के अनुसार डूब क्षेत्र के अवैध निर्माण में होने वाली जनहानि को रोकना किसी के बस में नहीं है।


इन जगहों पर हुए अवैध निर्माण


ग्रेटर नोएडा और नोएडा के जिन क्षेत्रों में अवैध निर्माण किए जा रहे हैं, यहां उनकी पूरी लिस्ट दी गई है। अधिकारियों ने बताया क इस लिस्ट में 30 से ऊपर गांव शामिल है। इस लिस्ट में छिजारसी, चोटपुर, यूसुफपुर चक शाहबेरी, बहलोलपुर, गढ़ी चौखंडी, हैबतपुर, पर्थला खंजरपुर, सौरखा जाहिदाबाद, ककराला, अलीवर्दी पुर, जलपुरा, हल्दोनी, कुलेसरा और हिंडन व यमुना के तटबंध के निकट इलाहाबास, सुथ्याना, शहदरा, लखनावली, बेगमपुर, मुबारकपुर, गुर्जर पर, झटटा, बादौली बांगर, तुगलपुर, कोंडली बांगर, सफीपुर, चूहड़पुर व मोमनाथल गांव शामिल है। वहीं युमना नदी किनारे बसे मोतीपुर, तिलवाडा, मोमनाथल, गढ़ी समस्तीपुर, बादौली खादर, कोंडली खादर, कामबक्शपुर, दोस्तपुर मंगरौली, छपरौली व असदुल्लापुर (हरियाणा की तरफ), ओरंगाबाद, गुलावली, दलेलपुर, याकूतपुर  आदि भी इसका हिस्सा है। 

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