कैप्टन अमरिंदर सिंह की कुर्सी छोड़ने के पीछे पूरी कहानी
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की कुर्सी चली गई हो, लेकिन उनके बाद जो भी सत्ता संभालेगा उसके सामने ड्रग्स और बेअदबी जैसे मामलों को लेकर जनता से किए गए वादों को में पूरा करना एक बड़ी चुनौती होगी. पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly election) को छह माह से कम समय बचा है. जबकि कांग्रेस के 18 सूत्रीय एजेंडे के मुताबिक पंजाब के लोगों की समस्याएं अभी भी वहीं की वहीं हैं.
सोनिया गांधी बोलीं- आई एम सॉरी अमरिंदर
पंजाब के कार्यवाहक मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, ”सोनिया गांधी ने मुझे सुबह फोन किया था, उस समय मैं वहां पर नहीं था. जब मैंने वापस आकर अपना फोन देखा तो उसमें मुझे उनकी मिस्ड कॉल दिखाई दी. इसके बाद मैंने उन्हें (सोनिया गांधी) वापस कॉल की. उन्होंने फोन उठाया तो मैंने पूछा कि मैम यह सीएलपी का क्या चल रहा है. मैं ऐसे में इस्तीफा दे दूंगा. मुझे लग रहा है कि मुझे इस्तीफा दे देना चाहिए. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि ओके, आप इस्तीफा दे सकते हैं. मैंने कहा कि ठीक है, मैं इस्तीफा दे दूंगा. और फिर उन्होंने कहा कि सॉरी अमरिंदर. मैंने उनसे कहा कि दैट्स फाइन, दैट्स ओके.
इस्तीफा देने के बाद छलका कैप्टन अमरिंदर सिंह का दर्द
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि कुछ महीनों के भीतर तीन बार विधायक की बैठक बुलाने के बाद उन्होंने खुद को अपमानित महसूस किया जिसके बाद पर छोड़ने का फैसला किया इस्तीफा देने के बाद राजभवन के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने साथियों और समर्थकों के साथ बातचीत करने के बाद भविष्य के कदम एवं विकल्प पर फैसला करेंगे हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल व कांग्रेस में है
नवजोत सिंह सिद्धू का बग़ावत करने का है पुराना इतिहास
क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू 2004 में राजनीति में आए. पहले वो भारतीय जनता पार्टी के सांसद रहे और फिर कांग्रेस में विधायक, मंत्री रहे. इन दिनों वो पंजाब के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं.क्रिकेट प्रेमियों को याद होगा कि 1996 के इंग्लैंड दौरे के वक्त नवजोत सिंह सिद्धू कप्तान मोहम्मद अज़हरूद्दीन से बग़ावत करके बीच दौरे में स्वदेश लौट आए थे. जब वो बीजेपी में रहे तब अकाली दल-बीजेपी गठबंधन सरकार की आलोचना करते रहे. जब कांग्रेस में आए तो पार्टी के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के लिए मुश्किलें खड़ी कर दीं.