एनआईए के सूत्रों ने बताया कि इस बात की जांच कर रही है कि जिस शख्स को सीसीटीवी में एंटीलिया के पास पीपीई किट में स्कॉर्पियों खड़ी करके जाते हुए देखा गया वह सचिन वझे था या नहीं। एनआईए उसकी उपस्थिति को लेकर जांच कर रही है। सीसीटीवी फुटेज को बारीकी से खंगाला जा रहा है ताकि इस सवाल का जवाब साफ हो सके।
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, केस में मुंबई पुलिस ऑफिसर सचिन वाझे की गिरफ्तारी के कुछ देर बाद ही पेडर रोड स्थित एनआईए के दफ्तर में एक इनोवा गाड़ी लाई गई थी। इस गाड़ी पर ‘MH 01 ZA 403’ नंबर प्लेट लगी थी और इसके रियर विंडशील्ड पर पुलिस लिखा था।
कि जिस स्कॉर्पियों में विस्फोटक मिला था उसकी नंबर प्लेट बदली गई थी। उस नंबर प्लेट पर अंबानी की जैगुआर का ही नंबर लिखा था।
महिंद्रा स्कॉर्पियो पर पंजीकरण प्लेट वास्तव में अंबानी की सिक्यॉरिटी फ्लीट में शामिल एक जैगुआर से संबंधित है। एसयूवी 25 फरवरी को दोपहर 2 बजे के बाद से घटनास्थल पर खड़ा कर दिया गया। जो लोग इसे वहां ले गए थे, वह, वहां से दूसरी कार में बैठकर निकल गए।
करोड़ों की प्रॉपर्टी का पता चला
सूत्रों के मुताबिक- NIA की जांच में सामने आया है कि वझे कई साल से नौकरी में नहीं रहने के बावजूद कई करोड़ की संपत्ति के मालिक थे। उनकी पत्नी के नाम पर भी कोरोड़ो की प्रॉपर्टी होने का पता चला है। NIA जांच की रडार पर कुछ राजनीतिक दलों के नेता भी शामिल हैं।
ध्यान भटकाने के लिए आतंकी कनेक्शन की बात झूठी
मीडिया रिपोर्ट में एनआईए के हवाले से कहा गया है कि विस्फोटक कार मामले में आतंकी कनेक्शन की बात झूठी है। यह लोगों का ध्यान भटकाने के लिए किया गया। जैश-उल-हिंद के नाम से जो टेलीग्राम मैसेज किया गया उसका सच्चाई से कोई संबंध नहीं है। जैश-उल-हिंद नाम का कोई संगठन वजूद में ही नहीं है।