मैं जिंदा हूं... सांसें ले रहा हूं... फिर भी कागजों में मरा हूं" — अमर सिंह की पीड़ा
उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक 70 वर्षीय बुजुर्ग को सरकारी कागजों में मृत घोषित कर दिया गया, जबकि वह पूरी तरह स्वस्थ और जीवित हैं। सबसे दुखद बात ये है कि दो साल से वह सिर्फ यही साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि वह 'जिंदा' हैं।

Kaushambi News: उत्तर प्रदेश के कौशांबी से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक बुजुर्ग को सरकारी रिकॉर्ड में “मृत” घोषित कर दिया गया है। नतीजा यह कि उनकी वृद्धा पेंशन दो साल पहले बंद कर दी गई, और अब वो खुद को ‘जिंदा’ साबित करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं।
➤ मामला क्या है?
यह घटना कौशांबी जिले के कड़ा विकासखंड के सैयदराजेपुर ग्राम पंचायत की है। यहां के निवासी अमर सिंह यादव (70 वर्ष) को मिल रही वृद्धा पेंशन अचानक बंद हो गई। जानकारी करने पर सामने आया कि सरकारी रिकॉर्ड में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया है।
अब अमर सिंह यादव बीते दो वर्षों से विभिन्न कार्यालयों का चक्कर लगा रहे हैं — कहीं आधार कार्ड दिखा रहे हैं, तो कहीं बैंक की एंट्री स्लिप, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।
“मैं जिंदा हूं… सांसें ले रहा हूं… फिर भी मरा घोषित कर दिया गया!”
पीड़ित अमर सिंह का कहना है:
“दो साल से दफ्तरों के चक्कर काट रहा हूं। बैंक गया, ब्लॉक गया, विकास भवन गया… लेकिन हर जगह से एक ही जवाब मिला – आप तो मर चुके हैं। अब बताइए, क्या जिंदा आदमी को अपने होने का सबूत देना पड़ेगा?”
पहला मामला नहीं है…
इससे पहले भी कौशांबी के मंझनपुर ब्लॉक में ऐसी ही घटना सामने आई थी, जहां एक बुजुर्ग महिला को मृत घोषित कर पेंशन बंद कर दी गई थी।
ऐसे मामले लगातार सिस्टम की लापरवाही और संवेदनहीनता को उजागर कर रहे हैं।
प्रशासन क्या कह रहा है?
एसडीएम सिराथू योगेंद्र कुमार गौड़ ने कहा है:
“मामले की जांच करवाई जा रही है। संबंधित विभागों को रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। दोषियों पर कार्रवाई होगी।”