भारतीय सेना से 1 लाख जवानो की छंटनी
केंद्र में सत्तारूढ़ सरकार ने सत्ता में आने से पहले रोजगार को लेकर कई बड़े दावे किए थे। लेकिन सरकार अपने इन दावों पर खरा उतर पाने में असमर्थ साबित हुई है। और जो जॉब्स है उनमे भी कटौती पे कटौती किये जा रही है। पहले से बेरोजगारी अब तक आंकड़ों के अनुसार अपने चरम पर है
साल 2019 के बाद से ही देश में भयंकर गरीबी और बेरोजगारी का आलम बना हुआ है। इसी बीच अब भारतीय सेना के लिए भी बुरी खबर सामने आ रही है।
चलिए मुद्दे पे आते है आखिर सेना को क्यों कटौती करनी पड़ रही है आर्मी चीफ ऑफ स्टाफ जरनल बिपिन रावत ने संसदीय समिति को बताया है की भारतीय सेना के लॉजिस्टिक टेल को छोटा किए जाने की तैयारी की जा रही है।
लड़ाकू टुकड़ियों के साथ सप्लाई और सपोर्ट में लगे जवानों की संख्या में कमी की जाएगी। आने वाले कुछ सालों के अंदर एक लाख जवानों को कम किए जाने का लक्ष्य तय किया गया है।
रक्षा मंत्रालय से संबंधित संसदीय समिति ने जानकारी देते हुए कहा है कि इन्फेंट्री को आधुनिक तकनीक से लैस किया जाएगा। क्योंकि भारत की सीमाओं पर सुरक्षा का पूरा जिम्मा उन्हीं पर होता है।
इसलिए अब इन्फेंट्री पर ही फोकस किया जा रहा है। उन्हें आने वाले समय में मॉडर्न तकनीक के हथियार उपलब्ध करवाई जायेंगे।
इस मामले में सेना की तरफ से यह कहा गया है कि जनरल वीपी मलिक जब सेना के प्रमुख हुआ करते थे। तो उस दौरान भी पचास हजार जवानों की कमी की गई थी।
लेकिन आने वाले समय में अब इस आंकड़े को बढ़ाकर एक लाख कर दिया गया है।
सेना के जवानों में कमी किए जाने के बाद जो राशि से बचेगी। उससे सैनिकों को मॉडर्न तकनीक से लैस बनाने में खर्च किया जाएगा।
आपको बता दें कि समिति की ये रिपोर्ट हाल में संपन्न हुए सत्र में पेश की जा चुकी है।
इस पूरे मामले का उदाहरण देते हुए यह समझाया गया है कि सेना की एक लड़ाकू कंपनी में 120 जवान होते हैं। लेकिन अगर इस कंपनी को मॉडर्न तकनीक से लैस बना दिया जाए। तो 120 जवानों की जगह 80 जवानों को ही काम करना पड़ेगा।