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कहां बनेगा भारत का पहला और ऐतिहासिक अंडरग्राउंड रेलवे स्टेशन, जानिए क्या होगा खास

Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा में जेवर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अभूतपूर्व विकास कार्य चल रहे हैं। यह परियोजना हवाईअड्डा परिसर टर्मिनल के ठीक नीचे भारत के पहले भूमिगत रेलवे स्टेशन के निर्माण के साथ एक राष्ट्रीय मिसाल कायम करने की ओर अग्रसर है।

यह विकास का कदम न्यूयॉर्क, टोक्यो और पेरिस जैसे स्थापित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों से प्रेरणा लेता है, जो निर्बाध यात्री अनुभव के लिए समान भूमिगत स्टेशनों का उपयोग करते हैं। जेवर हवाई अड्डे पर यात्री लिफ्ट या सीढ़ियों के माध्यम से स्टेशन और टर्मिनल के बीच आसानी से जा सकेंगे।

बेहतर कनेक्टिविटी और आराम

पूरे भूमिगत रेलवे स्टेशन में अत्याधुनिक एयर कंडीशनिंग होगी, जो यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करेगी। इसके अलावा, स्टेशन का रणनीतिक स्थान दिल्ली-वाराणसी रैपिड रेल नेटवर्क और दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से जुड़े भविष्य के रैपिड/मेट्रो स्टेशन तक सुविधाजनक पहुंच प्रदान करेगा।

परियोजना विवरण और सहयोग

61 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन की भारतीय रेल मंत्रालय की मंजूरी के साथ सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई है, जिसका भूमिगत खंड हवाई अड्डे के आसपास लगभग 16 किलोमीटर तक फैला है। रेलवे अधिकारियों और सरकारी प्रतिनिधियों के बीच हाल की चर्चाओं ने परियोजना की व्यवहार्यता और संभावित लाभों को मजबूत किया है।

यात्रियों को होगा फायदा

दिल्ली-पलवल-चोला रेलवे लाइन के पूरा होने पर, 122,000 से अधिक रेल यात्रियों को सेवा प्रदान करने की उम्मीद है, जो एक सुविधाजनक और कुशल यात्रा विकल्प प्रदान करेगा। सीईओ अरुण वीर सिंह के नेतृत्व में यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) इस महत्वाकांक्षी परियोजना को साकार करने के लिए रेलवे अधिकारियों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग कर रहा है।

जेवर हवाईअड्डा भूमिगत रेलवे स्टेशन भारत के विमानन बुनियादी ढांचे में एक महत्वपूर्ण छलांग का प्रतीक है। यह परियोजना देश के भीतर हवाई अड्डे की पहुंच के लिए एक नया मानक स्थापित करते हुए, बेहतर यात्री सुविधा और बेहतर कनेक्टिविटी की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

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