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यही हैं असली भारत

मुझे हमेशा समाज और जनता पर भरोसा रहा है। आज जब देश आज़ादी के बाद सबसे कठिन दौर से गुज़र रहा है और विश्व महामारी कब किसको अपने आगोश में ले रही है, तब जाति धर्म से ऊपर उठकर अनेकों व्यक्ति मानवमात्र के लिए अपनी जान लगा रहे हैं। फेसबुक जैसे इन देवदूतों के कारनामों से भरा हुआ है। और भी ज़्यादा भरोसा भविष्य के लिए इस तथ्य पर होता है कि इनमें से अधिकांश 35 वर्ष से कम के युवा हैं जो परस्पर घृणा और हिंसा के भावों से मुक्त प्रेम और सद्भाव से संतृप्त समाज बनाने का सपना लिए इस निराशा भरे समय में आशा का चिराग जलाए हैं। घृणा व हिंसा भाव से घृणा और हिंसा बढ़ेगी। प्रेम व सद्भाव से समाज में प्रेम और मानवीयता बढ़ेगी। हम किस ओर खड़े हैं , खुद ही सोचें
अपने अपने स्थानों पर मानवता के लिए काम कर रहे जाने अनजाने प्रत्येक देवदूत को सलाम।
हाँ ,यदि आपने अभी शुरू नहीं किया है तो आप भी अपना हाथ बढ़ाएं क्योंकि बहुत बड़ा काम है। सभी के हाथ लगेंगे तो सब कुछ आसान हो जाएगा और मनुष्य पर भरोसा बढ़ेगा.

समर अनार्य का हांगकांग से पोस्ट
Afiya Bano has been saving everyone. She lost her Nani day before and now Her mother is struggling. Oxygen level has dipped to 88.I Need a hospital bed and an oxygen cylinder in Lucknow- desperately. Please help.
I have been arranging as much as I could- till this evening. Trying but it may take time. Please help. She is just like my sister

छोटी बहन आफ़िया अनथक सबको बचाती रही है। परसों नानी को खो दिया आज मम्मी के हाल ख़राब हैं. ऑक्सिजन लेवल 88 पर आ गया है।
मुझे उसके लिए किसी भी तरह, कैसे भी लखनऊ में एक बेड और एक सिलिंडर चाहिए।
मैं लगातार लगा हुआ हूँ- हर दिन एकाध। कोशिश कर रहा हूँ पर जाने कितना वक्त लगे! प्लीज़। जानता हूँ अच्छा नहीं लगता है पर ये परिवार का मामला है।

Lucknow #लखनऊ

आफ़िया बानो का कुछ देर बाद पोस्ट
मम्मी की तबियत फिर से थोड़ी सही नही है, Samar Anarya भैया को बताया, पूरा अस्पताल ही घर भेज दिया ❤️ क्या दवाएं, क्या इंजेक्शन , क्या डॉक्टर , क्या नर्स ❤️
भैया इस वक्त न कुछ बोला जा रहा है, ना लिखा जा रहा है ।
शुक्रिया शब्द अब बेमाना है 🙏 Kaushalendra Pandey Sir ❤️ शुक्रिया

में क्या लिखूं आप लोगों के लिऐ मेरी समझ से बाहर है ,

यही हैं असली भारत है

तमिलनाडु के त्रिचि शहर के एक कस्बे में रहने वाली गरीब परिवार की महिला को प्रसव पीड़ा होती है । महिला का पति सरकारी एम्बुलेंस से उसे लेकर 7 किलोमीटर दूर अस्पताल जाता है।
अस्पताल में डॉक्टर उसे ऑपरेशन से बच्चा होने की सलाह देते है साथ ही कुछ जटिलताओं की वजह से 1 यूनिट खून की आवश्यकता बताते है। अस्पताल में लॉक डाउन होने की वजह से महिला के ग्रुप का खून उपलब्ध नही था ।अंततः महिला और उसका पति अपने घर वापस लौटने के लिए निकल पड़ते है ताकि किसी रिश्तेदार को खून देने के लिए बुला सके।

2017 बैच के ग्रेड II कॉन्स्टेबल एस सैयद अबुथीर को पुलिस अधीक्षक जिया उल हक ने पुरस्कृत किया।


ऐसे माहौल में जब गाड़ियां भी नही मिल रही थी और ये दंपति हैरान परेशान सड़को पर भटक रहे थे तभी एक पुलिस कांस्टेबल ने उन्हें आवाज देकर उन्हें अपने पास बुलाया । उनकी समस्या सुनकर उसने पहले उनके लिए कुछ भोजन का प्रबंध किया और एक टैक्सी का प्रबंध करने में लग गया ।दंपति से बातों के क्रम में उस पुलिस वाले को उनकी समस्या का पता चला । उसने महिला से उसका ब्लड ग्रुप पूछा ।जानने के बाद वो बोला कि उसका ब्लड ग्रुप भी वही है जो महिला का है, लिहाजा वो अपना खून उसे दे देगा ।


इसके बाद वो 23 वर्षीय पुलिस कांस्टेबल उस दंपति को वापस अस्पताल लेकर गया और अपना खून डोनेट किया ।ऑपरेशन के बाद महिला ने एक स्वस्थ शिशु को जन्म दिया और जच्चा- बच्चा दोनों स्वस्थ है ।
कहानी में एक ट्विस्ट अभी बाकी था । त्रिचि के SP ने सारा मामला जानकर उस कांस्टेबल को 1 हजाररुपये देकर पुरस्कृत किया ।मामला ऊपर जाने के बाद में तमिलनाडु के DGP ने भी उस कांस्टेबल को 10 हजार रुपये देकर पुरस्कृत किया ।उस कांस्टेबल ने इनाम के पूरे 11 हजार रुपये उस महिला को दे दिए।उस महिला का नाम सुलोचना है और पुलिस कांस्टेबल का नाम एस सैयद अबू ताहिर ।

Ajay Gangwar

लेखक मध्य्प्रदेश सरकार के पूर्व आईएएस अधिकारी है अजय गंगवार मध्यप्रदेश सरकार के प्रमुख प्रशासनिक पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके है.

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